इनका जन्म 28 जनवरी, 1865 को एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था।
लाला लाजपत राय, स्वामी दयानंद सरस्वती के हिंदू सुधारवादी आंदोलन से प्रभावित थे और आर्य समाज के सदस्य बने।
वे एक महान नेता, इतिहासकार, प्रख्यात संपादक, सामाजिक और धार्मिक सुधारक और शक्तिशाली वक्ता थे।
राष्ट्रवाद की उनकी विचारधारा और उत्साही देशभक्ति के कारण उन्हें 'पंजाब केसरी' और 'पंजाब का शेर' की उपाधि से भी सम्मनित किया गया था।
उन्होंने वर्ष 1894 में वर्तमान पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने दयानंद एंग्लो-वैदिक स्कूल प्रणाली की स्थापना में भी मदद की थी, जिसे डीएवी स्कूलों के नाम से जाना जाता है।
लाला लाजपत राय ने बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ 'लाल-बाल-पाल' के रूप में जाने जाने वाले उग्रवादी नेताओं की त्रिमूर्ति बनाई।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने न्यूयॉर्क में इंडियन होम रूल लीग ऑफ़ अमेरिका (अक्टूबर 1917) की स्थापना की।
वर्ष 1920 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
उन्होंने वर्ष 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ अहिंसक मार्च का नेतृत्व किया।