स्वामी विवेकानंद जी  के जीवन से जुड़े 10 रोचक तथ्य

 स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता एक प्रसिद्ध वकील थे और उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं।

स्वामी विवेकानंद बचपन से ही धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। वे अक्सर अपने माता-पिता के साथ मंदिर जाते थे और पूजा-पाठ करते थे।

स्वामी विवेकानंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से प्राप्त की। उन्होंने बाद में प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने दर्शनशास्त्र, इतिहास और साहित्य का अध्ययन किया।

स्वामी विवेकानंद की मुलाकात स्वामी रामकृष्ण परमहंस से 1881 में हुई। स्वामी रामकृष्ण परमहंस एक महान आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।

 स्वामी विवेकानंद ने 1886 में स्वामी रामकृष्ण परमहंस से दीक्षा ली और एक सन्यासी बन गए। उन्होंने अपना नाम नरेंद्रनाथ दत्त से बदलकर स्वामी विवेकानंद रख लिया।

 स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके भाषण ने दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया और उन्हें "युग पुरुष" के रूप में जाना जाने लगा।

स्वामी विवेकानंद ने भारत में कई सामाजिक सुधार आंदोलन शुरू किए। उन्होंने महिला शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के लिए काम किया।

स्वामी विवेकानंद ने कई पुस्तकें और लेख लिखे, जिनमें "कर्म योग", "राज योग" और "भक्ति योग" शामिल हैं। उनकी रचनाएं भारतीय दर्शन और आध्यात्म के बारे में दुनिया भर के लोगों को शिक्षित करने में मदद की।

स्वामी विवेकानंद का 4 जुलाई, 1902 को कलकत्ता में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रामकृष्ण मठ में किया गया।

 स्वामी विवेकानंद को भारत का राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया है। उनका जन्मदिन, 12 जनवरी, हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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