श्री रामकृष्ण परमहंस के 10 अनमोल विचार

 जिसने सच्ची भक्ति के मार्ग को चुन लिया होता है, वह ईश्वर को उसके सबसे करीबी और अभिन्न में ढूंढ सकता है।

 यदि तुम खो दोगे तो तुम्हारे पीछे तुम्हारा अनुसरण करने वाले को भी खो देना चाहिए।

मानव जीवन में आत्मा का उद्दीपन करना ही आध्यात्मिकता है।

 अपने बाल्यावस्था में दिखने वाले जीवन के आनंद को बनाए रखें।

 भगवान् सभी धर्मों में हैं, परंतु धर्म भगवान् में नहीं होता।

धार्मिकता में मतभेद हो सकता है, परंतु आध्यात्मिकता में नहीं।

जब तक ईश्वर से प्रेम नहीं हो जाता, तब तक धार्मिकता संभव नहीं है।

मनुष्य अपने अन्दर की दिव्यता को पहचानकर ईश्वरीय ज्ञान को प्राप्त कर सकता है।

धार्मिक स्थान जाने से आध्यात्मिकता नहीं मिलेगी, आध्यात्मिक संगति से ही आध्यात्मिकता प्राप्त होगी।

सबकुछ ईश्वर में होता है, परंतु ईश्वर सबमें नहीं होता।

राजा राममोहन राय के 8 अनमोल विचार