रानी लक्ष्मीबाई की शादी 14 साल की उम्र में ग्वालियर के राजा गंगाधर राव से हुई थी। गंगाधर राव की मृत्यु के बाद लक्ष्मीबाई झांसी की रानी बनीं।
रानी लक्ष्मीबाई को बचपन से ही युद्ध कौशल में प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने तलवारबाजी, घुड़सवारी, और तोपखाने का उपयोग करना सीखा।
रानी लक्ष्मीबाई को "मर्दानी रानी" कहा जाता था क्योंकि वे युद्ध में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ती थीं।
रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। उन्होंने झांसी की रक्षा के लिए कई महीनों तक अंग्रेजों का मुकाबला किया।
रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु 18 जून 1858 को हुई थी। उन्होंने झांसी की रक्षा करते हुए अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की।
रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और साहस की कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है।