"भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन" दादाभाई नौरोजी के जीवन से जुड़े 9 रोचक तथ्य

दादाभाई नौरोजी का जन्म 26 नवंबर 1825 को भारत के नवसारी नामक स्थान पर हुआ था।

नौरोजी ने विदेश में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने लंदन के ईस्ट इंडिया कंपनी कॉलेज में पढ़ाई की और वहां से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री हासिल की।

नौरोजी ने उदारवादी तत्त्वों की स्थापना की। उन्होंने समाज में सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर जोर दिया।

नौरोजी को आदानी वाडिया के नाम से भी जाना जाता था। यह उन्होंने गुजराती मांगनी पत्रिका "उत्तर देश" में अपनी लेखनी के नाम से प्रयोग किया था।

नौरोजी ने 1885 में बोम्बे में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सह-संस्थापक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

नौरोजी ने 1892 में पहले भारतीय विदेशी न्यायमंदिर उच्चायोगी के रूप में लंदन की उच्चायोगिक सेवा में नियुक्ति पाई।

नौरोजी ने "पोवर्टी एंड उनआंसर्टेंटी: नोटेस ऑन इंडिया" नामक पुस्तक लिखी, जो 1901 में प्रकाशित हुई।

नौरोजी ने 1893 में भारत के पहले आर्थिक आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

नौरोजी ने अपने जीवनभर आजादी के लिए संघर्ष किया। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आंदोलनों में भाग लिया और देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयास किए।

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