जानिए किस बीमारी में कौनसा योगासन व यौगिक क्रिया फायदेमंद 

अम्लता (एसिडिटी)

शीतली, शीतकारी तथा प्लाविनी प्राणायाम एवं नाड़ी शोधन क्रिया-इन्हें शलभासन के साथ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

साइटिका पेन

 वज्रासन, गरुड़ासन, गोमुखासन एवं हनुमानासन।

स्लिप डिस्क

 भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन और मकरासन ।

हाई ब्लडप्रेशर

पवन मुक्तासन, वज्रासन, शशकांसन के साथ शीतली, शीतकारी तथा भ्रामरी प्राणायाम |

घुटनों के रोग

शीर्षासन के साथ तेल मालिश एवं आक के पत्तों द्वारा सेंक करना हितकर रहता है।

नेत्र रोग

सर्वांगासन, ऊर्ध्व सर्वांगासन, शीर्षासन, जलनेति और त्राटक 

मधुमेह 

हलासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, जानु शिरासन, मत्स्यासन, अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन, भुजंगासन, वातायनासन, शशंकासन, वज्रासन, द्विहस्त, भुजासन, गोमुखासन, सूर्य नमस्कार के साथ योगमुद्रा, मूलबन्ध के साथ भस्त्रिका, भ्रामरी, नाड़ी शोधन, शीतकारी एवं शीतली प्राणायाम। 

मोटापा

पश्चिमोत्तासन, बद्धपद्मासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन, मत्स्येन्द्रासन, सर्वांगासन, ऊर्ध्व सर्वांगासन, वृश्चिकासन, गर्भासन, उत्तानपादासन, मयूरासन, हलासन, धनुरासन, चक्रासन, शलभासन तथा तोलांगुलासन योगमुद्रा के साथ उड्डयन बन्ध ,नाड़ी शोधन प्राणायाम, सूर्य भेदन प्राणायाम |

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