Lataji death anniversary:लता जी के जीवन की बेहद रोचक बातें
उनके पिता दीनानाथ और मां शेवांति ने उनका नाम हेमा रखा था।
लताजी को पहला ब्रेक गाने के लिए नहीं, बल्कि एक नाटक में एक्टिंग के लिए मिला था
पहली बार एक मराठी फिल्म 'किति हसाल' (1942) के लिए गाना गाया था। हालांकि, यह गाना कभी रिलीज नहीं हुआ।
पहली बार एक मराठी फिल्म 'किति हसाल' (1942) के लिए गाना गाया था। हालांकि, यह गाना कभी रिलीज नहीं हुआ।
लताजी ने दस फिल्मों में काम भी किया जिनमें 'पाहिली मंगलागौर', 'बड़ी मां' और 'जीवन यात्रा' प्रमुख हैं।
वे आनंदअघन के नाम से गाने भी कंपोज किया करती थीं। बंगाली भाषा में 'तारे आमी चोखने देखिनी' और 'आमी नी' गाने उन्होंने ही कंपोज किए थे।
लताजी 'रामराम पाहुने' जैसी पांच मराठी फिल्मों में भी गाने कंपोज किए।
लताजी ने 'वडाल' (मराठी), 'झांझर', 'कंचन' और 'लेकिन' (हिंदी) फिल्में प्रोड्यूस भी कीं।
लताजी को गाने के अलावा फोटो खिंचवाने का भी बहुत शौक है।